सपने मैं गुलाबी सांप देखना कैसा होता हैं ? | Sapne main Gulabi Samp Dekhana kaisa hota hain ?
दोस्तो वो उस दिन की बात है। जब हम परिवार वाले हम एकसाथ हमारे गाँव के एक खेत मे रहते थे। ये बात 2010 की पुरनिमाँ की है। उस दिन हमारे घर मे बड़ा उल्लास था। क्योंकि शाम को हम सब हमारे कुलदेवता बालाजी सालासर धाम जाने वाले थे। शाम होते-होते हमारे घर मे मामा, बुआ, चाचा, नाना व हमाए बड़े ताउजी भी घर पे आ गये थे। इस प्रकार हमारे घर मे खुसियों को बहार थी । मेरे ताउजी ने एक पूरी बस किराये पर कर रखी थी।
शाम के चार बजने वाले थे जब हमारे ताउजी ने बस मालिक इब्रहीम खाँ को फोन किया की मामाजी क्या हुआ बस नहीं आई। तो बस मालिक ने कहा भाई मेरी बस थोड़ी खराब हो गई है। तो मेरे को थोड़ा समय लगेगा। इस प्रकार बस का इंतजार करते-करते शाम के छः बज गये । मैंने भी नये केपड़े पहन रखे थे। मेने गुलाबी रंग की पेंट व गुलाबी रंग का ही शर्ट पहन रखी था।
जब सारे घर वाले तैयार थे। तब बस आई ओर सब दोड़-दोड़ कर बस मे छडने लगे हमारे गाव का एक आदमी महावीर को हमने घर की रखवाली के लिए बुलाया था। लेकिन वह आया नहीं ओर मे उस महावीर को बुलाने के लिए पोटी गाँव गया था जब मेने पूछा तो उसने कहा की मेरी तबीयत खराब है। तब मे भागते भागते वापिस आया। मेरे को इसम इस बात का डर था। की मेरे को घर की रखवाली के लिए ना छोड़ जाये ।
घर आते ही वेसा ही हुआ जैसा मे सोचा रहा था। मेरे बड़े भाई को कहा की तू घर की रखवाली के लिए रहेगा तब मेरे बड़े भाई ने जिद करके बस मे बेठ गया अब मेरे को लग रहा था की ये गाज मेरे पे गिरने वाली है।
फिर मेरे दादाजी ने मेरी तरफ देखा तो मे समझ गया की अब मेरा नंबर है। दादा जी मेरे को हमेशा गजिया नाम से पुकारा करते थे दादाजी ने कहा गजिया तू महावीर को तो लेकर आया नहीं अब तेरे को घर की रखवाली के लिए रहना पड़ेगा।
सपने मैं गुलाबी सांप देखना |sapne mein gulabi sanp dekhnaa
भाई मेरे दादाजी का ऐसा दबदबा चलता था की अगर किसी को कोई काम कह दिया वो काम उसी को ही करना होता था। आपने हिन्दी फिल्म मे अमरीसपुरी को देखा होगा । उसी प्रकार का मेरा दादाजी था । यहाँ तक की मेरे ताउजी 62 साल के थे। दादाजी के सामने उनकी भी जबान नहीं उपड़ती थी। मेरा दादा बडा ही खतरनाक आदमी था।
तब मेरी दादी ने मेरा पक्ष लिया मेरी दादिजी ने कहा की ये तो छोटा बच्चा है आप इसको अकेले छोड़ोगे क्या। तब मेरे दादाजी ने मेरी दादी को ज़ोर से गाली देकर फटकारा | अपने पोते की पक्ष लेती है । तब मेरी दादी ने भी अपने कदम पीछे ले लिए ।
ये फटकार सुनकर सारे रिसतेदारों ने छुपी साध ली क्योकि सभी को पता था की मेरे दादा का सावभाव कैसा है। तब मेने डरते हुये कहा की दादाजी अगर मेरे साथ और कोई ओर होता तो रात को मेरे को डर नहीं लगता। तब मेरे दादाजी ने थोड़ी नरमी दिखाई मेरे को कहा की बस स्टैंड पर जो तेरी दोस्त बजरंग लाल है। उसे हम जाते वक़्त कह देंगे। ओर वो तेरे पास आ जाएगा ओर रात को तेरे पास ही सो जाएगा।
इस प्रकार बस ने रवानगी ले ली ओर मे घर के बाहर ही बेठ गया। मे घर के अंदर नही गया क्योकि मे जब छोटा था तो मेने को साँप बिछु अजगर भूत प्रेत से बहुत दरता था। घर की दहल्लीच पर बेठ कर मे अपने दोस्त बजरग ( बजू ) का इंतजार करने लगा। जब मे इंतजार कर रहा था। जब मेरे को बहुत ज्यादा डर लग्ने लगा क्योकि मे जब छोटा था तब मेरे को बहुत जयदा डर लगता था। इस प्रकार धीरे-धीरे अंधेरा बढ रहा था। ओर मेरा डर भी धीरे-धीरे बढ रहा था। डर के मारे मेरे को वो सब पुरानी कहानी याद आने लगी थी। जो मेने अपने जीवन मे सुनी थी सब द्र्शय मेरी आंखो के सामने आने लगे थे। इस प्रकार मेरे को जो भी साँप की सटोरी मेने बचपन मे सुन राखी थी। वो सब मेरे को याद आने लगी थी। ओर इस प्रकार मेरा डर बढ़ रहा था। मे अपने दोस्त बजरंग का इंतजार कर रहा था।
लेकिन किसी कारणवैश वो नहीं आ सका। इस प्रकार मे अपने घर की दहलीच मे बेठ कर रोने लगा था। कई देर तक रोने के बाद एक साँप मेरे पास आने लगा तो मे ओर ज़ोर ज़ोर से रोने लगा ओर मे वहाँ से भागने की कोशीश करने लगा लेकिन भाग नही सका तो मेने इस प्रकार का गुलाबी साँप ना तो कभी देखा ओर ना ही किसी गुलाबी साँप के बारे मे जिक्र सुना था। लेकीn वो गुलाबी साँप थोड़ा अन्य साँपो से अलग था । वो साँप लगभग पाँच फुट का था। और वह मेरे हाथा के जीतना मोटा था। उस साँप की अंखे मेरे जैसी थी। जब वो साँप बिलकुल मेरे नजदीक आ गया था तब मे ज्यादा घबरा गया था जब साँप ने मुह खोला तो मे तो बिलकुल डर गया ओर मेरे साथ एक आश्चर्या जनक घटना हुई की वो साँप इंसानी भाषा बोल रहा था।
उस साँप ने मेरे को कहा गजा तब मेने इधर उधर देखा मेने सोचा सायद मेरा दोस्त बजरंग लाल आ गया होगा तब मेने चारों ओर देखा तब कोई नहीं था। फिर साँप ने एक बार ओर मेरा नाम पुकारा उसने कहा गजा मे हु गुलाबी साँप ये सुनकर मे ज़ोर-ज़ोर से रोने लगा की भूत-भूत साँप ने मेरे को कहा गजा रो मत मैं तेरे को खाने नही आया हु मे तेरा दोस्त हु।
मे भागने लगा ओर मेने कहा की तुम कोई भूत या शैतान हो क्योंकि साँप कभी नहीं बोलते मेने कभी साँप को इनशान की आवाज मे बाते करते नहीं देखा। तब साँप ने कहा गजा मेरे यार मे साँप ही हु ओर गुलाबी रंग का मेने कहा की गुलाबी रंग का साँप होता ही नहीं है। उसने मेरे पास आने की कोशीश की तब मेने कहा तुम अगर मेरे दोस्त हो तो तुम मेरे से दूर रहकर ही बाते करो क्योंकि मेरे को विस्वास नहीं है। की तुम मेरे को कभी खा सकते हो तब साँप ने कहा की मे बुरा साँप नहीं हु। तुम मेरे को छू कर देख सकते हो मेने डरते डरते साँप को छुआ ओर मेने देखा की साँप नॉर्मल था। तब मेरे को लगा हाँ ये साँप कह तो सही रहा है।
की वो अच्छा जानवर है तब उस साँप ओर मेने रात भर बहुत सी बाती की। तब उस साँप ने कई प्रकार की ज्ञान की बाते बताई की साँपो पर विसवास नहीं करना चाइए। क्योकी साँप की फितरत होती है। काटना तो साँप कभी काट सकता है लेकिन साँप तो फिर भी दया कर जाते है। लेकिन दुनिया मे कई साँप रूपी साँप होते है जो हमे डश लेते है। हम साँप रूपी इन्सानों को पालते है। अंत मे वो हमे काट लेते है।
sapne mein gulabi sanp dekhn सपने में गुलाबी सांप देखना
इस प्रकार साँप का नामे भी बदनाम होता है। साँप मे मेरे को कहा के पहले मे भी बड़ा बुरा साँप था लेकिन मे तेरे ओर तेरे दादाजी को देखता था तेरा सावभाव देखकर मेरे सावभाव मे बड़ा परिवर्तन आया है। उस साँप ने मेरे को अपना घर दिखाया ओर कहा की तुम मेरे घर मे मेरे साथ रह सकते हो। साँप ने मेरे को अपना महल दिखाया और मेने देखा के साँप का घर इतना अच्छा केसे हो सकता है। पूरा महल सोने का हीरे मोती धन-दोलत बहुत सारे कपड़े वो सब देखकर मेरे को आनंद आ रहा था। तब उस गुलाबी साँप ने कहा की मेरे दादा जी (नाउस) भी मेरे साथ रहते है।
मेरा नामे वांगो है। वांगो ने मेरे को बताया की मेरे दादाजी को इन्सानो से बहुत नफरत है। इतना कहते ही एक काला बूढ़ा साँप मेरी तरफ बढ़ा और मेरा गला पकड़ा और मे ज़ोर से चिल्लाया तो मेने अपने आप को मेरे घर के दहलीच पे पाया ओर मेने देखा की सुबह हो गई थी। फिर मेने भगवान को भगवान को धन्यवाद दिया की शुक्र है रात बीत गई।
दोस्तों ये घटना मेरे साथ घाटी जब मे 12 साल का था जब हम राजस्थान के एक छोटे से गाँव पोटी के खेत मे रहते थे। दो दोस्तों सपनों का क्या कैसे सपने भी आ सकते है लेकिन इसका वास्तविक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है। लेकिन बता दूँ दोस्तो उस दिन का दिन देखलों या आज का दिन उस दिन के बाद मेरे को साँपो से डर नहीं लगा मेने कई बार साँपो को पड़कर भी छोड़ दिया है। मेरे को साँप ने नहीं काटा सायद मेरे पर भावगन भोले की कृपया हो। लेकिन दोस्तो आप साँप को पकड़ने की कोसिस ना करें।
दोस्तो सपके पर किसी का भी काबू नहीं है सपना केसा ही आ सकता है दो दोस्तों ये मेरे सपने से जुड़ी एक साची घटना थी जिसमे एक गुलाबी साँप से में केसे बात करता है तो दोस्तो मेरी पोस्ट अच्छी लगे तो अपने दोस्तों को बताना । और दोस्तों सपने से संबंधी किसी भी प्रकार की जानकार आपको जानना है तो आपकी अपने वैबसाइट sapnadekha.in Visit करे सपने से संबन्धित ओर कुछ जानने की लिए नीचे दिये गए link पर OK करें